– श्रीकांत को मूल रूप से मैं एक ख्यातिलब्ध पत्रकार के रूप में जानता था। उनकी किताबें, ‘मैं बिहार हूं ‘ या ‘चिट्ठियों की राजनीति ‘ को मैंने हाल ही में पढ़ा था। पर मुझे ये नहीं मालूम था कि वे आधुनिक कहानी के एक दिग्गज शिल्पकार भी हैं। उनके व्यक्तित्व के इस आयाम सेContinue reading “टुकड़ों में बटी जिन्दगी: समीक्षा”